स्टील सिटी हिसार जिले की परीक्षा उपयोगी विशेष जानकारी (Steel City Hisar District Current Affairs Haryana GK)

Steel City Hisar District Current Affairs Haryana GK Haryana CET Exam

‘हिसार’ फारसी शब्द है। इसका अर्थ किला या घेरा है। सन् 1354 में दिल्ली के सुल्तान फिरोज़शाह ने यहा जिस किले का निर्माण कार्य शुरू करवाया, उसका नाम ‘हिसार-ए- फिरोज़ा’ पड़ा यानि फिरोज का हिसार। अब समय की यात्रा में केवल हिसार रह गया है। हिसार का नाम आज देश के प्रमुख शहरों में शुमार हो चुका है। हिसार भारत के राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 09 पर दिल्ली से 164 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हिसार नगर को इस बात का गर्व है कि यहां प्राचीन काल से ही शौर्य, राष्ट्रीय प्रेम, बलिदान व देश पर मर मिटने की उच्च परंपराएं रही हैं। खाद्यान क्षेत्र से लेकर रणक्षेत्र तक अपने पराक्रम और शौर्य के अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। फिरोज़ शाह तुगलक ने सन 1354 में हिसार नगर की स्थापना की। उसने इस नये नगर हिसार-ए-फिरोजा को महलों, मस्जिदों, बगीचों, नहरों और अन्य इमारतों से सजाया था।

हरियाणा के पश्चिम में स्थित है। इसके उत्तर में फतेहाबाद, पूर्व में जीन्द, दक्षिण में भिवानी जिला व पश्चिम में राजस्थान राज्य स्थित है।
• क्षेत्रफल- 3,983 वर्ग कि.मी.
• स्थापना- 1 नवंबर, 1966
• मुख्यालय- हिसार
• उपमण्डल- हिसार, हाँसी, बरवाला, नारनौन्द
• तहसील- हिसार, आदमपुर, हाँसी, नारनौन्द, बरवाला, बास
• उपतहसील- उकलाना मण्डी, बालसमंद, बास
• खण्ड- आदमपुर, बरवाला, बास, हाँसी-1, हाँसी-11 हिसार-1, हिसार-11, नारनौन्द, अग्रोहा, उकलाना
• प्रमुख उद्योग- कपास छंटाई, हैण्डलूम वस्त्र, कृषि यन्त्र व सिलाई मशीन
• प्रमुख नगर- हिसार, उकलाना मण्डी, बरवाला, नारनौन्द, हाँसी
• जनसंख्या- 1743931
• जनसंख्या घनत्व- 438 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
• लिंगानुपात- 872
• साक्षरता दर- 72.89%
• खनिज पदार्थ- शोरा

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पौराणिक एवं ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Steel City Hisar)

● पाणिनी नामक ऋषि ने अपने ग्रंथ अष्टधायी में इसुकार नाम से एक एक स्थान का उल्लेख किया गया है जिसे हिसार का प्राचीन नाम माना जाता है।

● 1867 में हिसार की नगरपालिका का अध्ययन किया गया।

● हिसार नगर राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 10 पर स्थित है। इसके उत्तर में पंजाब राज्य, पूर्व में जींद व रोहतक जिलों की तथा पश्चिम में फतेहाबाद जिला, दक्षिण में भिवानी तथा राजस्थान राज्य की सीमाएँ लगती हैं। (Steel City Hisar)

● इस नगर की स्थापना सन् 1354 ईस्वी में तुगलक वंश के सुल्तान फिरोजशाह तुगलक के द्वारा की गई थी। इस बादशाह द्वारा एक किला बनवाया गया था; जिसके चार द्वार थे जिन्हें दिल्ली गेट, मोरी गेट, नगौरी गेट और तलाकी गेट कहा जाता था। प्रारंभ में इसका नाम ‘हिसार-ए-फिरोजा’ था। हिसार फारसी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है ‘दुर्ग’ अथवा ‘किला’। अतः हिसार-ए-फिरोजा का अर्थ है-फिरोज का दुर्ग। कालान्तर में ‘हिसार-ए-फिरोजा’ को ‘हिसार’ के नाम से पुकारा जाने लगा। कहा जाता है कि एक गूजरी के लिए फिरोजशाह ने ‘गूजरी महल’ बनवाया जो आज भी विद्यमान है।

● सन् 1888 में कांग्रेस के इलाहाबाद अधिवेशन में पंजाब केसरी लाला लाजपतराय, हिसार से प्रतिनिधि बन कर गए। लाला चूड़ामणि भी लाला लाजपतराय के साथ थे। सन् 1938 में जब वे कांग्रेस के प्रधान थे तो 28-29 नवंबर को उन्होंने हिसार, हाँसी, भिवानी, रोहतक, इत्यादि स्थानों का दौरा किया और स्थान-स्थान पर जोशीले भाषण भी दिए। (Steel City Hisar)

● अंग्रेजों के आगमन से पूर्व जॉर्ज थॉमस ने हिसार और इसके आस-पास के इलाके पर सन् 1795 से 1801 तक राज किया। उसने एक पुराने जैन मंदिर को अपने रहने का स्थान बनाया और बाद में वहाँ मस्जिद बना दी गई। आज उसके निवास को ‘ जहाज कोठी’ कहा जाता है जो ‘जॉर्ज कोठी’ का विकृत रूप है।

● सन् 1886 से 1892 तक पंजाब केसरी लाला लाजपत राय का हिसार नगर कर्मभूमि रहा है। आज हिसार नगर औद्योगिक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति के कारण उत्तर भारत का ‘स्टील सिटी’ माना जाता है। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद इस नगर में स्थापित ‘हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय’ ने देश में हरित क्रांति लाने में विशेष योगदान दिया। सन् 1809 में यहाँ पर कैटल फार्म की स्थापना की गई। हिसार क्षेत्र में स्थापित पशुपालन के विविध संस्थानों के कारण यह नगर विश्वभर में पशुधन का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है। यहाँ एक बड़ी छावनी भी है। हिसार से बाईस किलोमीटर की दूरी पर स्थित अग्रोहा नामक कस्बा आज से लगभग तीन हजार साल पूर्व महाराजा अग्रसेन का राज्य था। अग्रोहा में महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद इस शहर का महत्व और भी बढ़ गया है। (Steel City Hisar)

शिक्षण संस्थान (Steel City Hisar)

विद्या देवी जिंदल स्कूल, हिसार– विद्या देवी जिंदल स्कूल छात्रा शिक्षा के लिए उत्तरी भारत का एक विशिष्ट विद्यालय है, जिसको स्थापना जुलाई सन् 1984 विख्यात उद्योगपति, सांसद एवं समाजसेवी स्वर्गीय श्री ओमप्रकाश जिंदल ने की।

विश्वविद्यालय– गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार की स्थापना 20 अक्टूबर 1995 में हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा एक एक्ट के तहत की गई। औपचारिक रूप से इसका उद्घाटन 1 नवम्बर 1995 को किया गया। विश्वविद्यालय का नामकरण 15वीं शताब्दी के महान पर्यावरणविद् गुरु जम्भेश्वर महाराज के नाम पर किया गया। (Steel City Hisar)

केंद्रीय संस्थान– केंद्रीय भैंस शोध संस्थान, हिसार- हिसार में बहुत पहले से ही ‘प्रोजिनी टेस्टिंग बुल फार्म’ कार्यरत था। यह संस्थान प्रजनन हेतु किसानों को अच्छी नस्ल के सांड तथा भैंसा उपलब्ध करवाता था। सन् 1985 में हरियाणा राज्य सरकार द्वारा इस संस्थान के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद को हस्तांतरण के बाद ‘केन्द्रीय भैंस शोध संस्थान’ की स्थापना की गई। ‘प्रोजिनी टेस्टिंग बुल फार्म’ से ‘केन्द्रीय भैंस शोध संस्थान’ के रूप में पुनर्नामित यह संस्थान एक फरवरी 1985 से कार्य कर रहा है। इस संस्थान ने भैंसों में दुग्ध उत्पादन क्षमता बढ़ाने के संदर्भ में अनेक शोध व प्रयोग किए हैं।

राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र– राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र हिसार सिरसा मार्ग पर स्थित है। इसकी स्थापना सातवीं पंचवर्षीय योजना के अंतर्गत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संरक्षण में अश्वों के स्वास्थ्य एवं उत्पादन के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए की गई। बीकानेर में स्थित सहायक परिसर अश्व उत्पादन से संबंधित अनुसंधान कार्य करता है, इसलिए इसको ‘अश्व उत्पादन परिसर’ का नाम दिया गया। (Steel City Hisar)

दर्शनीय स्थल (Steel City Hisar)

● गूजरी महल- ‘गूजरी महल’ फिरोजशाह तुगलक द्वारा निर्मित किले का हिस्सा है। कहा जाता है शिकार के समय एक रूपसी गूजरी लड़की से सुल्तान फिरोजशाह तुगलक के हृदय में प्रणय भाव उत्पन्न हो गया था। गूजरी के अनुरोध पर सुल्तान ने उसके लिए किले से बाहर महल बनवाया। यह किला सन 1356 ईस्वी में पूर्ण हो गया था। यहाँ एक भूलभुलैया है। (Steel City Hisar)

● प्राणपीर बादशाह का मकबरा- वर्तमान राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पिछवाड़े में सूफी पीर शेर बहलोल का मकबरा स्थित है। ये पीर एक महान सूफी संत हुए हैं; जिन्होंने गयासुद्दीन तुगलक के बारे में भविष्यवाणी की थी कि वह दिल्ली के सिंहासन पर बैठ हिन्दुस्तान पर शासन करेगा।

● शेख जुनेद की मजार, हिसार- हिसार के रहने वाले शेख जुनैद भी सूफीसंत परंपरा की एक महत्त्वपूर्ण कड़ी थे, जिनकी मजार नागौरी गेट (हिसार) के दक्षिण में स्थित है। (Steel City Hisar)

● लाट बाग ( अब क्रान्तिमान पार्क )- लाट बाग दिल्ली-हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग-10 पर थॉमस चर्च के सामने स्थापित है। सन् 1857 के विशाल विद्रोह से पहले यह चर्च सड़क के पार कम्पनी बाग था। सन् 1857 के विद्रोह के दौरान हांसी और हिसार में भारतीयों द्वारा मारे गए कुछ यूरोपियन जिनमें हिसार का कलेक्टर जॉन रेडरबर्न भी था, की याद में एक स्मारक के तौर पर विकसित हुआ। यहाँ निर्मित स्तम्भ के चारों और इन सभी लोगों के नाम उत्कीर्ण हैं। यह स्तम्भ आज भी इस बाग में लाट की तरह खड़ा है। अतः इसे लाट बाग कहा जाने लगा। कालान्तर में इसका नाम ‘क्रान्तिमान पार्क’ रख दिया गया।

● जहाज कोठी- एक जगह जार्ज थॉमस द्वारा एक निवास के रूप में प्रयुक्त की जाती थी। जार्ज को कोठी होने के कारण
देहाती लोगों द्वारा इसे ‘जहाज उर्फ झाज कोठी’ कहा जाने लगा। अब यह भवन हिसार जैन समाज के अधीन है और इसका नाम श्री दिगम्बर जैन प्राचीन मंदिर है। (Steel City Hisar)

● बाबा लालदास धाम- हिसार जिले के गाँव डाटा में श्रीशाला डेरी गोशाला के पास स्थित बाबा लालदास धाम में हर रोज श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है।

● आर्य समाज मंदिर- हिसार शहर के नागौरी गेट के समीप स्थित आर्य समाज मंदिर की स्थापना लाला लाजपतराय, पंडित लखपतराय, बाबू चूड़ामणि और तायल बंधुओं, चंदूलाल, और बालमुकुन्द आदि द्वारा सन् 1886 में की गई। सन 1886 से सन 1891 तक आर्य समाज सभाएं लाजपत राय के मकान पर ही होती रहीं। लाला लाजपतराय एक वर्ष के लिए इसके संस्थापक सचिव बने। (Steel City Hisar)

● दिगम्बर जैन मंदिर- हिसार की मिल रोड पर स्थित प्राचीन दिगंबर जैन मंदिर का इतिहास लगभग 1000 वर्ष पुराना है।

● शीलनाथ का डेरा सुल्तानपुर- हिसार जिले के गाँव सुल्तानपुर में स्थित डेरे को साधुओं की तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ कई साधुओं की समाधियों हैं।

● देवीभवन मंदिर- हिसार के श्री देवीधाम को मंदिरों की संगम स्थली भी कहा जा सकता है। श्री देवीलाल मंदिर की शुरुआत वर्ष 1770 में महाराजा पटियाला द्वारा मंदिर का निर्माण करवाने से शुरू हुई थी।

● बिश्नोई मंदिर- हिसार में राजगुरु मार्केट के पास स्थित बिश्नोई मंदिर एक भव्य मंदिर है। (Steel City Hisar)

● बुआ कुँवारी मंदिर, कुंवारी- गाँव कँवारी में प्रवेश करते ही दिखाई देता है। एक छोटा सा मंदिर जिसे सती ‘बुआ कुंवारी की मढ़ी’ अथवा ‘थान’ कहा जाता है। यही वह स्थल है जहाँ एक कुंवारी कन्या सती हुई थी और उसी के नाम पर इस गाँव का नाम कँवारी पड़ा।

● सेंट थॉमस चर्च – सेंट थॉमस चर्च दिल्ली-हिसार मार्ग पर पुरानी कचहरी के नजदीक स्थापित है। आजकल यह एक ऐतिहासिक स्मारक घोषित है। 3 दिसंबर 1865 को बिशप ऑफ कलकत्ता जी.इ.एन. कॉटन द्वारा इसे प्रतिष्ठित किया गया। यह चर्च विक्टोरियन कला की वास्तुकला में बना।

उकलाना हांसी बरवाला (Steel City Hisar)

बरवाला-यह कस्बा हिसार से तीस किलोमीटर दूर उत्तर पूर्व में नेशनल हाईवे नं. 65 पर स्थित है।

हाँसी– यह नगर हिसार के पूर्व में पच्चीस किलोमीटर की दूरी पर दिल्ली- फाजिल्का राष्ट्रीय राजमार्ग नं दस पर उत्तर अक्षांश 29°7′ और रेखांश 75°58′ पर स्थित है। नगर के पाँच मुख्य प्रवेश द्वार है दिल्ली गेट (पूर्व में), बड़सी गेट (दक्षिण में), उमरा गेट (दक्षिण- पश्चिम में), हिसार गेट (पश्चिम में) और हिसार गेट (उत्तर में)। स्थानीय देहाती लोग इसे अब भी ‘आसी’ ही कहते हैं। (Steel City Hisar)

● ‘अशोक की लाट’ (जिसे बाद में फिरोज तुगलक ने हिसार से जाकर गूजरी महल के प्रांगण में लगवा दिया था) का यहाँ होना दर्शाता है कि मौर्यो का वर्चस्व भी यहाँ काफी समय तक कायम रहा। हाँसी को इस लाट पर आठ लेख अंकित हैं। भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक सर अलेग्जेंडर कनिंघम को किले से यौधेयों के काफी सिक्के मिले थे। आठवीं शती के बाद तोमरों ने इसे फिर संभाला। लोगों में यह मान्यता आज तक भी काफी हद तक प्रचलित है। हाँसी नगर को इन्हीं तोमरों के एक प्रतापी शासक अनंगपाल तोमर ने बनाया था।

● ‘पृथ्वीराज रासो’ में चन्दबरदाई ने उस समय की हाँसी से सम्बद्ध कई घटनाओं का उल्लेख किया। सन् 1884 में हाँसी में नगरपालिका बनी, सन् 1879 में यहाँ रेलवे लाईन आई। सन् 1858 में डाकघर, बाद स्कूल व 1936 ईस्वी में यहाँ बिजली घर बना। हाँसी नगर मिठाई के लिए भी जाना जाता है। यहाँ निर्मित पेड़े न केवल देश में अपितु विदेशों तक निर्यात किए जाते हैं। (Steel City Hisar)

उकलाना– हिसार से 45 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 65 से लगभग चार किलोमीटर पश्चिम में हिसार-जाखल-लुधियाना रेलमार्ग पर स्थित उकलाना कस्बा उकलाना मंडी के नाम से मशहूर है। उन्नीसवीं सदी के अंतिम दशक में यहाँ डब्ल्यू जे सी की सिरसा ब्रांच से सिंचाई होने लगी और इसी दौरान सन् 1892 में हिसार-जाखल- लुधियाना रेल लाइन बिछा दी गई जिस पर उकलाना स्टेशन बना। उन्नीसवीं सदी के अंतिम चरण में यहाँ पांच बहुत ही बड़ी-बड़ी कॉटन जिनिंग एंड प्रेसिंग मिलें उच्च कोटि की कॉटन फैक्टरियाँ मानी जाती हैं। उकलाना मंडी अपने इलाके की देशी घी की सबसे पुरानी मंडी है। यहाँ की मारवल चाय, चाय उद्योग में एक स्थापित नाम है। (Steel City Hisar)

प्रमुख जानकारियां (Steel City Hisar)

● चार कुतुब दरगाह- कुतुब का अर्थ है; वह विद्वान् जो समाज का मार्गदर्शन कर दिशा प्रदान करे। हाँसी में स्थित दरगाह चार कुतुब में निम्नांकित चार सूफी संतों की मजारें हैं-
◆ शेख कुतुब जमालुद्दीन अहमद (1188-1263)
◆ शेख कुतुबद्दीन मुनव्वर (1352)
◆ शेख कुतुब मौलाना बुरहानुद्दीन (1261-1300)
◆ हजरत कुतुब नूरुद्दीन (1325-1397)

● मीरां साहब की मजार- हाँसी के प्राचीन दुर्ग के ऊपर उत्तर दिशा में स्थित बाबा मीरां साहब की मजार लगभग 800 वर्ष पुरानी है। बाबा मीरां साहब का पूरा नाम हजरत नियामत उल्ला वली उर्फ मीरां साहब था। (Steel City Hisar)
◆ कयाम सर
◆ अमटी तालाब
◆ दुर्ग की थेह पर बना कुंड
◆ लाल डिग्गी
◆ बाबा जगन्नाथ पुरी की समाधि

मन्दिर
◆ बाबा शेरगिरी मंदिर, कँवारी
◆ माँ शीला देवी मंदिर, अग्रोहा

◆ हिसार के जामनी नामक स्थान पर परशुराम के पिता महर्षि जमदग्नि का प्राचीन मंदिर है।
◆ जस्ती लोहा उत्पादकों में हरियाणा के हिसार को देश में महत्त्वपूर्ण स्थान है।
◆ हरियाणा की सबसे बड़ी ऑटो मार्केट हिसार में स्थित है। (Steel City Hisar)
◆ हरियाणा की सबसे बड़ी इस्पात इंडस्ट्री हिसार में स्थित है।
◆ 1857 की क्रांति में हिसार से क्रांतिकारियों का नेतृत्व शहजादा मोहम्मद आजम ने किया था।
◆ हिसार में सर्वप्रथम कांग्रेस की स्थापना 1887 में लाला लाजपतराय ने की थी।
◆ 14 अप्रैल, 2016 को ग्रामोदय से भारत उदय अभियान में हरियाणा में हिसार से आरंभ हुआ था।
◆ हिसार में प्रदेश का पहला मॉडल एम्पलॉयमेंट गाइड एंड काउंसलिंग सेंटर बनाया गया है।
◆ हाँसी क्षेत्र में जाटवाँ नामक राजपूत के नेतृत्व में सितंबर 1192 में गौरी की सेना के साथ युद्ध हुआ था।
◆ जॉर्ज थॉमस ने 1797 में हाँसी को अपनी राजधानी बनाया तथा हरियाणा में सर्वप्रथम हाँसी में टकसाल (जहाँ सिक्के डाले जाते हैं) स्थापित की थी।
◆ चंदगीराम- इनका जन्म 1937 में हिसार के सिसाय ग्राम में हुआ था। वे दो बार भारत केसरी तथा हिंद केसरी का खिताब जीत चुके हैं। इनका संबंध कुश्ती से था। चंदगीराम ने वीर घटोत्कच और नटराजन फिल्म में काम किया था। भारत सरकार ने 1969 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार तथा 1971 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था। (Steel City Hisar)
◆ लाला हरदेव सहाय- इनका जन्म हिसार के सातरोड़ ग्राम में हुआ था। वर्ष 1936 में लाला हरदेव सहाय ने सेवक नामक
समाचार पत्र निकाला था।
◆ चौधरी कृपाराम- ये हिसार के स्याहड़वा गाँव से स्वतंत्रता सैनानी थे।
◆ हुकमचंद, मिर्जा मुनीर बेग- ये हाँसी के स्वतंत्रता सैनानी थे।
◆ अनिता कुंडू- हिसार के उकलाना के फरीदपुर नामक गाँव की यह बेटी माउंट एवरेस्ट पर चीन तथा नेपाल दोनों तरफ से
चढ़ाई करने वाली भारत की पहली महिला बनीं।
◆ लोकसभा क्षेत्र हिसार से सबसे युवा सांसद दुष्यंत चौटाला हैं।
◆ हिसार में जिंदल पार्क स्थित है। (Steel City Hisar)

● अग्रोहा- हिसार जिले के अग्रोहा और बरवाला से प्राप्त सिक्कों से पता चलता है कि यहाँ अग्र गणराज्य मौजूद था जिसकी राजधानी अग्रोहा थी। अग्रोहा से गुप्तकालीन सूर्यदेवता की मूर्ति प्राप्त हुई है। अग्रोहा से प्राप्त एक अभिलेख पर सा-रे-गा- मा-पा अंकित हैं। वैश्य समाज अग्रोहा का अपना उद्गम स्थल मानते हैं। ऐसा माना जाता है कि अग्रोहा को महाराज अग्रसेन ने ही बसाया था।मुगलकालीन शिव की मूर्ति अग्रोहा और बरवाला से मिली हैं। अग्रोहा का प्राचीन नाम अग्रोदका था। (Steel City Hisar)
◆ हिसार में न्यू वुड लकड़ी उद्योग टोहाना उपमंडल में स्थापित किया गया है।
◆ हाँसी में आसीगढ़ का किला 12वीं सदी में बनवाया गया था।
◆ इसे इस्पात नगरी तथा मैगनेट सिटी भी कहा जाता है। (Steel City Hisar)