नैनो सिटी पंचकूला जिले की परीक्षा उपयोगी विशेष जानकारी (Nano City Panchkula District Current Affairs Haryana GK)

Nano City Panchkula District Current Affairs Haryana GK Haryana CET Exam

हरियाणा के सुदूर उत्तर में है। इसके उत्तर व पूर्व में हिमाचल, पश्चिम में पंजाब व चण्डीगढ़, दक्षिण में अम्बाला स्थित है। इसे नहरों की सिटी भी कहा जाता है।
• स्थापना- अम्बाला से नवसृजित जिला 15 अगस्त, 1995 में पंचकूला 17वाँ जिला बना।
• क्षेत्रफल- 898 वर्ग कि.मी.
• मुख्यालय- पंचकूला
• जनसंख्या- 561293
• जनसंख्या घनत्व- 625 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
• साक्षरता दर- 81.88%
• तहसील- पंचकूला, रायपुर रानी व कालका
• उपतहसील- बरवाला, मोरनी, रायपुर रानी
• लिंगानुपात- 873
• उपमण्डल- Panchkula व कालका
• खण्ड- बरवाला, पिंजौर, मोरनी, रायपुर रानी
• पर्वत श्रृंखला- बाह्य हिमालय का पहाड़ी क्षेत्र, इसमें शिवालिक श्रेणियाँ विस्तृत हैं। जिले की मोरनी पहाड़ियों में स्थित करोह (1,514 मी, ऊँचा) स्थान राज्य का सर्वोच्च स्थान है।
• नदियां- घग्घर
• प्रमुख उद्योग- एचएमटी पिंजौर एवं सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
• हवाई अड्डा- पिंजौर
• प्रमुख नगर- पिंजौर, एच.एम.टी. पिंजौर, कालका, Panchkula नगरीय क्षेत्र, रायपुर रानी

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पौराणिक एवं ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य (Nano City Panchkula)

Panchkula का नाम पाँच कूपों (झरनों) के कारण पड़ा। इस जिले के उत्तर और पूर्व में हिमाचल प्रदेश, दक्षिण में अम्बाला और पश्चिम में चण्डीगढ़ व पंजाब लगते हैं। यहाँ घग्घर, सिरसा नदी और कौशल्या नदियाँ बहती हैं। मोरनी पहाड़ी यहाँ की सबसे ऊँची जगह है। यहाँ पंचकूला अर्बन एस्टेट, एचएमटी, पिंजौर और सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र के रूप में उभर कर आए हैं। यहाँ के दो मन्दिरों में से एक मन्दिर पटियाला रियासत के राजा करमसिंह ने 1861 ईस्वी में बनवाया था। उस समय इसका नाम पंचपुरा था जो बाद में पिंजौर के नाम से जाना जाने लगा। पिंजौर मुगल बाग के लिए जाना जाता है, जिसे 17वीं सदी में फिदा ए. खान ने बनवाया था। आधुनिक काल में इस बाग को पटियाला के महाराजा यादविन्द्र सिंह की याद में ‘यादवेन्द्र गार्डन’ के नाम से जाना जाता है।

● पर्यटक स्थलों में मोरनी पहाड़ियां, कालका देवी मन्दिर आदि मशहूर हैं।

Panchkula, मोहाली तथा चंडीगढ़ को टाइसिटी भी कहते हैं तथा इसे नहरों का शहर भी कहा जाता है।

● कालका का प्राचीन नाम कालकूट था। सिंचाई विभाग, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोकसेवा आयोग, हरियाणा साहित्य अकादमी का मुख्यालय Panchkula में है।

● पालतु पशुचिकित्सा केन्द्र, एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन, टीचर होम (62 लाख लागत) Panchkula में अवस्थित है।

● टिक्कर- ताल झील, पहाड़ों की रानी Panchkula में है।

● किदाई खाँ का गार्डन (मुगल गार्डन), तकिया बनवा फकीर, गुरुद्वारा नाडा साहिब नाहन कोठी Panchkula जिले में हैं।

महत्त्वपूर्ण शिक्षा संस्थान

● जवाहर नवोदय विद्यालय, मौली- सातवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान प्रत्येक जिले में औसतन एक नवोदय विद्यालय के रूप में आवासीय स्कूल खोलने का निर्णय तत्कालीन सरकार द्वारा लिया गया। जवाहर नवोदय विद्यालय, मौली की स्थापना सन् 1955 में हुई।
● जैनेन्द्र जैन गुरुकुल- पंचकूला के सैक्टर एक में स्थित यह गुरुकुल आज भी अपने समृद्ध इतिहास को गवाही देता है। इस गुरुकुल की स्थापना 21 फरवरी, 1929 में स्वामी धनीराम व उसके शिष्य आचार्य कृष्णचन्द्र द्वारा की गई।
● हरियाणा राज्य परामर्श सोसाइटी, पंचकूला- हरियाणा राज्य सरकार ने सन् 2007 में हरियाणा राज्य परामर्श सोसाइटी की स्थापना की।

महत्वपूर्ण स्थल

● मनसा देवी मन्दिर, पंचकूला- चण्डीगढ़ से लगभग नौ किलोमीटर दूर मनीमाजरा के निकट शिवालिक पहाड़ियों के प्रथम शिखर पर सुशोभित माता मनसा देवी का प्रसिद्ध ऐतिहासिक मन्दिर है। मनसा देवी मन्दिर में उत्तर भारत के लोगों की काफी मान्यता है। यहाँ नवरात्रों पर मेला लगता है। इसका दूसरा नाम शक्ति देवी है। मनीमाजरा के महाराज गोपाल सिंह ने यह मंदिर बनवाया था। यहाँ का मंदिर मुस्लिम शैली का प्रतीक है।

● काली माता मन्दिर, कालका- पहाड़ी क्षेत्र कालका में कालका-शिमला मार्ग पर पहाड़ियों से घिरा काली माता मन्दिर आस्था का केन्द्र बना हुआ है। इसका संबंध काली माता से है। पाण्डवों ने यहाँ अज्ञातवास बिताया था। इसके नजदीक त्रिमुर्ति बाला धाम भी है जहाँ तीन मूर्तियां हैं। 1. बालाजी (हनुमान) 2. प्रेतराज सरकार 3. भैरव।

● भीमा देवी मंदिर- यह पंचकूला के पिंजौर में स्थित है। यह पंचायत शैली का मंदिर है जो हरियाणा का सबसे पुराना मंदिर है। इसे उत्तरी भारत का खुजराहों का मंदिर भी कहते हैं।

● पिंजौर का यादवेन्द्र उद्यान- पिंजौर के यादवेन्द्र उद्यान को उत्तरी भारत का नन्दन वन कहा जाता है।

● मोरनी हिल्स- शिवालिक गिरिमाला में स्थित मोरनी नाम का पहाड़ी क्षेत्र एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।

● मोरनी की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी करोह (1514 मीटर) पंचकूला में है। मोरनों की पहाड़ियों पर चीड़ के वन तथा यह क्षेत्र हरड़ उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। मोरनी की पहाड़ियों पर पथरीली मिट्टी पाई जाती है। हर्बल फोरेस्ट पार्क मोरनी की पहाड़ियों पर प्रस्तावित है। वर्तमान में हरियाणा राज्य का अभिलेखागार तथा खोल की रैतान वन्यजीव अभ्यारण्य, वीर शिकारगढ़ वन्यजीव अभ्यारण्य पंचकूला में है। पंचकूला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय निर्माणाधीन है।

● समलोटा मंदिर (मोरनी), चंडी मंदिर ( चंडीगढ़ पश्चिमी सेना कमांड का मुख्यालय) चंडी मंदिर के नाम पर इसका नाम चंडीगढ़ पड़ा। गुलाब के फूल का सर्वाधिक उत्पादन चंडीगढ़ में होता है।

● हरियाणा में सबसे कम विधानसभा क्षेत्र पंचकूला में है। रायपुर (पंचकूला) को नैनो सिटी बोला जाता है।

पिंजौर

● महाभारत काल में राजा विराट की राजधानी रह चुके पिंजौर को कभी विराट नगर के नाम से भी जाना जाता था। पिंजौर को 360 बावड़ियों वाला कस्बा भी कहा जाता है। आज का पिंजौर ही महाभारतकालीन पंचपुर का अपभ्रंश है। हरियाणा के ऐतिहासिक कस्बे हाँसी से प्राप्त पृथ्वीराज चौहान के एक शिलालेख में भी पिंजौर को पंचपुर के नाम से हो संबोधित किया गया है। इतिहासकार मिंहाजपस सराज ने अपने ‘तदकाते नासिरी’ नामक ग्रन्थ में लिखा है कि नसीरुद्दीन महमूद ने पिंजौर के सिरमौर के शासक से छीनकर यहाँ के मन्दिरों और प्राचीन जलकुण्डों को बड़ी बेरहमी से रौंद डाला था। बाद में पिंजौर ने तेमूरलंग और चंगेज खाँ के आक्रमणों को भी झेला। यहाँ का मुगल गार्डन भारत के गिने चुने उद्यानों में से एक है; जिसका निर्माण वर्ष 1661 में औरंगजेब के चचेरे भाई व पंजाब के गवर्नर फिदाईखान ने पंजाब विलय के उपलक्ष्य में करवाया था। जिसका विस्तृत विवरण वर्ष 1696 में मुंशी सुजानराय द्वारा लिखित किताब ‘खुलास-तु-तवारीख’ में भी मिलता है।