20वें जिले मेवात या नूंह की परीक्षा उपयोगी विशेष जानकारी (20th District Mewat Current Affairs Haryana GK )

20th District Mewat Current Affairs Haryana GK Haryana CET Exam

मेवात या नूंह जिला भारत के हरियाणा राज्य के 22 जिलों में से एक है। इसमें 1,507 वर्ग किलोमीटर (582 वर्ग मील) और 10,89,406 आबादी का क्षेत्रफल है। यह उत्तर में गुड़गांव जिले, पश्चिम में रेवारी जिला और पूर्व में फरीदाबाद और पलवल जिलों से घिरा है। यहाँ मुख्य रूप से मेव की आबादी हैं, जो कि मुस्लिम और कृषिवादी हैं।

• क्षेत्रफल- 1,507 वर्ग कि.मी.
• स्थापना- 4 अप्रैल, 2005
• मुख्यालय- नूंह
• उपमण्डल- फिरोजपुर, पुन्हाना, नूंह
• तहसील- फिरोजपुर झिरका, नूंह, तावडू
• उपतहसील- नगीना
• खण्ड- फिरोजपुर, पिनगवा, पुन्हाना, नगीना, नूंह, तावडू
• जनसंख्या- 1089263
• जनसंख्या घनत्व- 723 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
• लिंगानुपात- 907
• साक्षरता दर- 54.08%

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इतिहास और वर्तमान (20th District Mewat)

हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला ने 2 अक्टूबर, 2004 की राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्व. प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर राज्य के 20वें जिले की घोषणा की थी। उस समय इस जिले का नाम सत्यमेवपुरम रखा गया था। इस जिले का मुख्यालय नूंह में बनाया गया था। भारत की स्वतंत्रता पर बँटवारे के समय मेवात की बहुसंख्यक मुस्लिम जनता भारत छोड़कर जब पाकिस्तान जा रही थी, तब महात्मा गांधी ने इन्हें रोकते हुए समान व्यवहार, सम्पूर्ण सुरक्षा और विकास की गारन्टी दी थी। यह क्षेत्र आज भी पूरे देश में सर्वाधिक पिछड़ा हुआ है। गांधीजी का नारा सत्यमेव जयते, इसी का अनुसरण करते हुए हरियाणा के 20वें जिले का नाम सत्यमेवपुरम रखा था।

वर्ष 2005 में कांग्रेस सरकार के गठन के पश्चात् इस जिले का नाम मेवात रखा गया। 4 अप्रैल 2005 को गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों में से कुछ भाग अलग कर मेवात जिला बनाया गया। यह हरियाणा का 20वाँ जिला है। नूंह को मेवात जिले का मुख्यालय बनाया गया है। मेवात जिले का अधिकतर भाग समतल है। मेवात का कुछ भाग अरावली की पहाड़ियों से सटा हुआ है। यहाँ रहने वाले अधिकतर लोग मेव या मुस्लिम है। मेवात में आईटीसी द्वारा संचालित ‘गोल्फ कोर्स’ मशहूर है। इसके अलावा जयपुर हाईवे पर स्थित ‘रिसोर्ट कंट्री क्लब’ भी पर्यटक स्थल बन गया है। सामाजिक व आर्थिक रूप से यह क्षेत्र हरियाणा राज्य का सर्वाधिक पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 1980 में हरियाणा सरकार ने इस क्षेत्र के विकास के प्रति वचनबद्ध होकर मेवात विकास बोर्ड का गठन किया।

विशेष स्थल (20th District Mewat)

◆ चूहीमल तालाब- पहले यह तालाब कच्चा था। वर्षाकाल में काला पहाड़ की छाती से बहकर आने वाली विशाल जलराशि को देखते रहने की नूंहवासियों की सदियों पुरानी परंपरा उस समय सजीव हो उठी थी जब सेठ चूहीमल ने नूंह के पश्चिम में पहाड़ के नीचे दस बीघा जमीन के दाम चुका कर उसे तालाब के इस्तेमाल के लिए खरीद लिया था। उनके जीवनकाल में ही उनके पुत्र हुकमचंद ने अपने पिता की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए तालाब को पक्का कराया और वहाँ निकट ही एक कलात्मक छतरी भी बनवाई। उस्ताद कारीगरों ने इस तालाब के पक्के निर्माण में कुछ ऐसा वास्तुशिल्प दिखाया कि यह निर्माण बेजोड़ हो गया।

◆ काउंटी क्लब गोल्फ कोर्स- गाँव पाड़ा तावडू में स्थित कन्ट क्लब बेस्ट वेस्टर्न द्वारा मान्यता प्राप्त है। यहाँ पर देश-विदेश के काफी पर्यटक आते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का गोल्फ कोर्स (क्लासिक गोल्फ रिजोर्ट) है।

◆ कोटला झील- इस झील के विहंगम दृश्यों के बारे में मुगल बादशाह बाबर ने ‘बाबरनामा’ में भी उल्लेख किया है।

◆ शेख मूसा की मजार- मेवात की धरती पीर-फकीरों तथा ऋषि-मुनियों की कर्मस्थली भी रही है। हजरत शेख मुसा का संबंध ईरान से बताया है। दिल्ली के प्रसिद्ध सूफी हजरत निजामुद्दीन औलिया के मुरीद थे। हजरत शेख मूसा की दरगाह पल्ला गाँव में पहाड़ों की तलहटी में है। यह दरगाह मुगल बादशाह अकबर ने बनाई थी।

मुख्य पहलू (20th District Mewat)

◆ मेवात में लचीले खिलौने बनाने का प्रशिक्षण एवं उत्पादन केंद्र- आई. टी. एम. टी. (खिलौने बनाने का प्रौद्योगिकी संस्थान), कोलकाता लचीले खिलौने बनाने के प्रशिक्षण के क्षेत्र में अनुभवी संगठन है।

◆ अपैरल ट्रेनिंग एवं डिजाईन सेंटर (ए.टी.डी.सी.)- ए.टी.डी. सी. गुरुग्राम द्वारा वर्ष 2007-08 के दौरान खेड़ला और नूंह में 219 उम्मीदवारों को सिलाई एवं कढ़ाई के विभिन्न कोसों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

◆ मिनी डेयरी एवं बीमा योजना- अभिकरण की सलाह पर राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड मेवात क्षेत्र के विभिन्न गाँवों में 13 बड़ी क्षमता के दुग्ध शीतयंत्र लगा चुका है।

◆ डॉन बोस्को द्वारा बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण- डॉन बोस्को द्वारा एमडीए के सहयोग से खेडला, नूंह में एक परामर्श केन्द्र स्थापित किया गया है। सेन्टर द्वारा 100 से अधिक युवाओं को शिक्षा क्षेत्र में प्रोत्साहित किया है।

● धातु एवं व्यापार कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया का मुख्यालय 1963 में मेवात में स्थापित किया गया था।
● भारत में पहला कंट्री क्लब मेवात के नूंह में स्थित है।
● देश का पहला चल न्यायालय भी मेवात के नूंह में स्थित है।
● केन्द्र सरकार ने मेवात को देश का 90वां माइनेरिटी जिला घोषित किया है।
● मेवात में रतवाई नृत्य प्रसिद्ध है।
● झूलती मीनारें(मेवात), गांधी पार्क (नूंह), छुईमुई तालाब (मेवात), देहरा मंदिर (फिरोजपुर झिरका) में स्थित है।

फिरोजपुर झिरका और तावडू (20th District Mewat)

फिरोजपुर झिरका (20th District Mewat)

● यह मेवात के मुख्यालय नूंह से दक्षिण-पश्चिम में स्थित हरियाणा का अन्तिम कस्बा है। यह कस्बा वर्तमान जगह से लगभग दो किलोमीटर पश्चिम में स्थित भाँड गाँव के पास होता था

● फिरोजशाह तुगलक (1351-1388) ने निकटवर्ती गाँव ढोंड के पास एक पक्का किल्ला बनवाया था, जिसमें कालान्तर में इन दोनों गाँवों के लोग आबाद हो गए। मुगल शासनकाल से पहले फिरोजपुर झिरका अलवर के शासक हसन खां मेवाती के अधीन था।

● हसन खां मेवाती ने सन् 1527 ई. में खनवा के युद्ध में बाबर के खिलाफ राणा सांगा का साथ दिया और वीरगति को प्राप्त हुए। सम्राट अकबर ने फिरोजपुर झिरका को तिजारा रियासत का परगना बना दिया, जो सन् 1805 तक कायम रहा। (20th District Mewat)

● मराठों ने सन् 1793 ई. में फिरोजपुर झिरका समेत तिजारा जॉर्ज थॉमस (George Thomas) को सौंपा था। अंग्रेजों ने इस परगने को बतौर पुरस्कार अहमद बक्श खां को दे दिया और इसे रियासत बना कर उसे नवाब बना दिया।

तावडू (20th District Mewat)

● यह रेवाड़ी से ठीक पूर्व में स्थित है और बादशाह अकबर के समय रेवाड़ी सरकार का एक महल (परगना) होता था। अठारहवीं सदी में उत्तरी भाग में इस परगने का आमीन राव तेजसिंह था, जो बहुत अच्छा प्रशासक व सेनापति था। सन् 1785 के बाद जब रेवाड़ी जागीर में अफरातफरी का माहौल था तो रानी मायाकंवर के निमंत्रण पर वहाँ का कार्यभार राव तेजसिंह ने संभाला और अपनी योग्यता से इसे एक श्रेष्ठ जागीर में बदल दिया। राव तुलाराम उसी का वंशज है।

● तावडू का किला- तावडू नामक ग्राम में स्थित इस प्राचीन किले के विभिन्न कक्षों, उप-कक्षो तथा अन्य स्थलों से तावडू के इतिहास की जानकारी मिलती है। इस किले के चारों ओर ऊँची-ऊँची दीवारें बनी हुई हैं। यही किला बाद में राजा नाहरसिंह का किला बना। इस समय तावडू स्थित इस किले को वहाँ का थाना बना दिया गया है।

● तावडू के गुम्बद- तावडू की पश्चिम दिशा में जगह-जगह अनेक ‘ गुम्बद’ बने हुए हैं। क्षेत्र के लोगों की दृढ़ मान्यता है कि ये गुम्बद मुगलकालीन शासन में बने थे। अपने समय में इनका बड़ा महत्त्व था। इन गुम्बदों में पुख्ता कब्रें मौजूद हैं।